गोवर्धन वासी सांवरे Govardhan Wasi Sanwarey Lyrics – Shri Indresh Upadhyay Ji

गोवर्धन वासी सांवरे Govardhan Wasi Sanwarey Lyrics – Shri Indresh Upadhyay Ji

Govardhan Wasi Sanwarey Lyrics in Hindi and English. This song is sung by Shri Indresh Upadhyay Ji, with lyrics written by Shri Chaturbhuj Das Ji and music created by Jeetu Gaba.

Govardhan Wasi Sanwarey Song Details

Song Title Govardhan Wasi Sanwarey
Singer Shri Indresh Upadhyay Ji
Lyrics Shri Chaturbhuj Das Ji
Music  Jeetu Gaba
Music Label BhaktiPath

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Govardhan Wasi Sanwarey Lyrics

गोवर्धन वासी सांवरे
गोवर्धन वासी सांवरे
गोवर्धन वासी सांवरे
गोवर्धन वासी सांवरे
तुम बिन रह्यो न जाये
गोवर्धन वासी सांवरे
गोवर्धन वासी सांवरे

बंके चिते मुसकाये के
सुंदर वदन दिखाय
लोचन तड़फे मीन जो
जग भर धरी बिहाय
गोवर्धन वासी सांवरे
गोवर्धन वासी सांवरे

सप्तक स्वर बंधान सों लाल
मोहन वेणु बजाय
सुरत सुहाइ बांधिके
मधुरे मधुर स्वर गाय
गोवर्धन वासी सांवरे
गोवर्धन वासी सांवरे

रसिक रसीली बोलनी
गिरि चढि गाय बुलाय
गाय बुलाई दूधरी नेंक
ऊँची टेर सुनाय
गोवर्धन वासी सांवरे
गोवर्धन वासी सांवरे

दृष्टि पड़े जा दोष ते
तब ते रुचे ना आवे
रजनी नींद न आवरी
एहि विसरे भोजन पान
गोवर्धन वासी सांवरे
गोवर्धन वासी सांवरे

दर्शन को नैना तपे
बचन सुनन करे कान
मिलिवे को हीयरा तपे
जिय के जीवन प्राण हों
हिय की जीवन प्राण
गोवर्धन वासी सांवरे
गोवर्धन वासी सांवरे

मन अभिलाषा यह रहे
लगे न नैन निमेष
एक टक देखूं आवतो
नटवर नागर भेष
गोवर्धन वासी सांवरे
गोवर्धन वासी सांवरे

पूर्ण शशि मुख देख के
चित चोट्यो बहि ओर
रूप सुधा रसपान को
जैसे चंद्र चकोर
गोवर्धन वासी सांवरे
गोवर्धन वासी सांवरे

लोक लाज विधि वेद के
छँड़े सबई विवेक
कमल कली रवि ज्यों बढे
छिन छिन प्रीति विशेष
गोवर्धन वासी सांवरे
गोवर्धन वासी सांवरे

मन मथ कोटिक वरिने
देखी डगमगी चाल
युवती जन मन फंदना
अंबुज नयन विशाल
गोवर्धन वासी सांवरे
गोवर्धन वासी सांवरे

यह रट लागी लाडिले
जैसे चातक मोर
प्रेम नीर वर्षा करो
नवघन नंदकिशोर
गोवर्धन वासी सांवरे
गोवर्धन वासी सांवरे

कुंज भवन क्रीडा करे
सुखनिधि मदन गोपाल
हम वृंदावन मालती
तुम भोगी भ्रमर भूपाल
गोवर्धन वासी सांवरे
गोवर्धन वासी सांवरे

युग युग अविचल राखिये
यह सुख शैल निवास
श्री गोवर्धनधर रूप पें
बलजाय चतुर्भुज दास
गोवर्धन वासी सांवरे
गोवर्धन वासी सांवरे
तुम बिन रह्यो न जाये
गोवर्धन वासी सांवरे
गोवर्धन वासी सांवरे

राधारमणं हरे हरे Radha Ramanam Hare Hare Lyrics – Shri Indresh Upadhyay Ji

Radha Ramanam Hare Hare Lyrics in Hindi and English. This song is sung by Shri Indresh Upadhyay Ji, lyrics written by Shri Indresh Upadhyay Ji, and music created by Bhagirath Bhatt, Mir Desai.

Radha Ramanam Hare Hare Song Details

Song Title Radha Ramanam Hare Hare
Singer Shri Indresh Upadhyay Ji
Lyrics Shri Indresh Upadhyay Ji
Music  Bhagirath Bhatt, Mir Desai
Music Label BhaktiPath

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Radha Ramanam Hare Hare Lyrics in English

वाणी गुणानु कथने श्रवनौ कथायां
हस्तौ च कर्मसु मनस्तव पादयोर्न

स्मृत्यां शिरस्तवनिवास जगत्प्रणामे
दृष्टि संता दर्शनेअस्तु भवत्तनूनाम

बृज जन प्रिवतम बालमुकुन्दम
राधारमणं हरे हरे
राधारमणं हरे हरे
बृज जन प्रिवतम बालमुकुन्दम
राधारमणं हरे हरे
राधारमणं हरे हरे

केसर तिलकं कृष्ण वरणं
केसर तिलकं कृष्ण वरणं
राधारमणं हरे हरे
राधारमणं हरे हरे
बृज जन प्रिवतम बालमुकुन्दम
राधारमणं हरे हरे
राधारमणं हरे हरे

राजत वन मालं रूप रसालं
राधारमणं हरे हरे
राजत वन मालं रूप रसालं
राधारमणं हरे हरे
राधारमणं हरे हरे
राधारमणं हरे हरे

वेणु कृत नादं आनंद अपारं
राधारमणं हरे हरे
राधारमणं हरे हरे
बृज जन प्रिवतम बालमुकुन्दम
राधारमणं हरे हरे
राधारमणं हरे हरे

सुन्दर मुदु हासं हरत विषादं
राधारमणं हरे हरे
सुन्दर मुदु हासं हरत विषादं
राधारमणं हरे हरे
राधारमणं हरे हरे
राधारमणं हरे हरे
गोरज मुख लसितं भक्त चित वसितं
राधारमणं हरे हरे
राधारमणं हरे हरे
बृज जन प्रिवतम बालमुकुन्दम
राधारमणं हरे हरे
राधारमणं हरे हरे

राधाउर हारं रास रसालं
राधारमणं हरे हरे
राधाउर हारं रास रसालं
राधारमणं हरे हरे
राधारमणं हरे हरे
राधारमणं हरे हरे
भक्ताधीनं दीनदयालं
राधारमणं हरे हरे
राधारमणं हरे हरे
बृज जन प्रिवतम बालमुकुन्दम
राधारमणं हरे हरे
राधारमणं हरे हरे

भक्तवत्सलं रसिकनरेशं
राधारमणं हरे हरे
भक्तवत्सलं रसिकनरेशं
राधारमणं हरे हरे
राधारमणं हरे हरे
राधारमणं हरे हरे
गो पसु वेशं दास इन्द्रेशं
राधारमणं हरे हरे
राधारमणं हरे हरे
बृज जन प्रिवतम बालमुकुन्दम
राधारमणं हरे हरे
राधारमणं हरे हरे

जय जय राधारमण प्यारो राधारमण
जय जय राधारमण प्यारो राधारमण
जय जय राधारमण प्यारो राधारमण
जय जय राधारमण प्यारो राधारमण…

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