Let’s Dance Chhotu Motu Lyrics in Hindi Movie Kisi Ka Bhai Kisi Ki Jaan Se Sung By Salman Khan, Yo Yo Honey Singh, Neha Bhasin & Devi Sri Prasad. This song is written by Devi Sri Prasad and the music is given by Kalyan. Starring Salman Khan, Venkatesh Daggubati, Ram Charan and Pooja Hegde.
Le Ambe Naam Chal Re Lyrics in Hindi – ‘Pawan Hai Sabse Uncha Hai’ is a Maa Vaishno Devi bhajan from album ‘Khazana Maiya Ka’. This hymn narrates the entire story of Mata Shri Vaishno Devi, how Mata Vaishno Devi got seated in the form of Pindi on mountain of Katra. The second part of this bhajan tells about the entire way to the Maiya’s Bhawan. This bhajan is sung by Kumar Vishu. Lyrics of Le Ambe Naam Chal Re Chal Vaishno Dham Chal Re bhajan are traditional and the music label is T-Series.
Le Ambe Naam Chal Re Song Details
Bhajan Title
Le Ambe Naam Chal Re
Album
Khazana Maiya Ka
Singer
Kumar Vishu
Music Label
T-Series
Le Ambe Naam Chal Re Lyrics in Hindi
पावन है सबसे ऊँचा है साँचा है ये दरबार कलयुग में भी होते है जहाँ रोज़ चमत्कार ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
सुन्दर से माँ के धाम की महिमा कमाल है मंदिर यह देवी माँ का सबसे विशाल है पर्वत त्रिकूट के शीश पे माता का सिंहासन जयकारे माँ के बोल के चलती यहाँ पवन
अम्बर के बादल देते है माता को सलामी पहरा दे हनुमान और भैरव करते निगरानी दर्शन की सबके भाग में घड़ियाँ नहीं आती दर्शन उन्हें मिलता जिन्हे माँ भेजती बाती
द्वारे पे माँ के लगती लम्बी कतार है दर्शन कब होगा सबको इंतज़ार है जीवन है जिसका नाम वो है कच्चा सा धागा जो माँ के द्वारे जा न सके वह है अभागा
ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
सूरज की पहली किरण होती है जो सिंधुरी कहती है पता माँ को है मजबूरियाँ तेरी क्या सोच रहा तू कि ये पैसा है जरूरी पैसे ने बना राखी है माँ-बेटे में दूरी
इस पाप कि गठरी को परे रख के तू आजा आजा तू खुला है भवानी माँ का दरवाज़ा मील अठ्ठाराह ये जम्मू से दूर है दर्शन जो माँ का पहला जग में मशहूर है
कन्याओं के संग माता यहाँ खूब थी खेली इस स्थान को कहते है भक्तों कौली-कंदौली ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
यहाँ से चार मील जब आगे जाओगे दर्शन जो माँ का दूजा है उसको पाओगे दुर्गा कि एक भक्त जिसका नाम था देवा करती थी सच्चे मन से सदा मैया कि पूजा
दर्शन उसे देने को इक दिन आयी थी माई तब से ये जगह बन गई भक्तो देवामायी रस्ता बताऊँ सबको तेरा वैष्णो रानी हो जाये कोई भूल क्षमा करना भवानी
माता कि जय-जयकार होती कटरा धाम पे होती यहाँ सुबह है जय माता के नाम से ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
गिनता नहीं जो राह में कितनी लगी ठोकर जाता है माँ के द्वार से वो झोलियाँ भरकर तुम यात्रा से पूर्व यहाँ पर्ची कटाना जयकारा माँ का बोल के फिर यात्रा करना
पर्ची जो कटाई है इसे ध्यान से रखना ऊपर भी जांच होगी इसे खो नहीं देना बच्चे है छोटे, वृद्ध या ना जा सके चलकर उनके लिए मिलते है यहाँ भाड़े पे खच्चर
खच्चर पे भी न बैठ सके जिसकी अवस्था उनके लिए यहाँ है पालकी कि व्यवस्था ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
कटरा से थोड़ी दूर है मशहूर ये मंदिर कहते है सारे इसको यहाँ भूमिका मंदिर माता के परम भक्त जिनका नाम था श्रीधर करते थे माँ का ध्यान सुबह-शाम जो अक्सर
रहता था उनके मुख में सदा मैया का वर्णन कन्या का रूप धार दिए माता ने दर्शन कहने लगी कर भक्त भंडारे का आयोजन आस-पास जाके दे आ सबको निमंत्रण
देने निमंत्रण भोज का वो सबको चल पड़े रस्ते में भैरव संग कुछ साधू उन्हें मिले बोले श्रीधर, ‘हे! बाबा कल मेरे घर आना भंडारा माँ का कर रहा हूँ भूल ना जाना’
ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
अगले दिन प्रातः काल से श्रीधरजी के घर पर आकर इकठ्ठा होने लगी भीड़ भवन पर भैरो नाथ आये, गौरख नाथ जी आये दोनों के संग उनके कई शिष्य भी आये
भोजन मिलेगा आज सभी जन थे प्रसन्नचित्त किन्तु बिना कन्या के हुए श्रीधर चिन्तित इतने में लिए हाथ कमंडल माँ पधारी वो दिव्य कन्या लग रही थी सबको ही प्यारी
देने लगी कमंडल से सबको वो भोजन ये देखकर के श्रीधरजी का प्रसन्न हो गया था मन ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
आयी वो देने भोजन जब भैरव के पास वो कहने लगा चाहिए मदिरा व मुझे मांस बोली वो कन्या, “योगी जी ब्राह्मण के द्वार से जो कुछ भी आपको मिला स्वीकारो प्यार से”
कन्या को पकड़ने लगा वो विनती न माना कन्या भी हो गई तुरंत तब अन्तर्ध्याना देखा उसे भैरव ने अपने विद्या-योग से वो पवन-रूप धार चली त्रिकूट ओर है
इस दिव्य कन्या को चला तब भैरव पकड़ने वो मूढ़-मति उसका पीछा लगा करने ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
ये भूमि का मंदिर वही तो स्थान है भोजन खिलाया सबको कन्या रूप मात ने यहाँ से डेढ़ मील जब आगे जाओगे तो रास्ते में दर्शनी दरवाज़ा पाओगे
माँ के भवन का मिलता यहाँ पहला नज़ारा सब भक्त लगते है यहाँ आके जयकारा माता का भैरव नाथ ने जब पीछा किया था उस वक्त माँ के साथ-साथ वीरलंगूर था
जिस जगह के प्यास ने लंगूर को सताया माता ने पथरो में यहाँ तीर चलाया ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
लगते ही बाण निकली जो जल कि धरा वो धरा यही है जिसे कहते’ बाण गंगा’ माता ने इसमें केश धोके उनको संवारा इस कारण इसका नाम दूजा है ‘बाल गंगा’
आगे जो चलोगे रोम-रोम खिलेगा बाण गंगा से जो पार करे पुल वो मिलेगा पुल के करीब ही है एक माता का मंदिर करते है कई भक्त यहाँ स्नान भी रूककर
होता है यहाँ से ही शुरू सीढ़ी का रास्ता इसकी बगल से जा रहा इक कच्चा भी रास्ता माँ अम्बे नाम लेके पौढ़ी-पौढ़ी चढ़ो जी शर्माओ न सब मिलके जय माता की कहो जी
ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
माता कि धुन में खोके के जो चलता चला गया बिन मांगे माँ के द्वारे से मिलता चला गया होगा ये चमत्कार भी मैया के नाम से जैसे चढ़ाये पौड़ी माँ बाँहों को थाम के
आता है वो स्थान जहाँ माँ के श्रीचरण इक शिला पर बने है छू लो ये श्रीचरण माता ने पीछे मुड़कर इस स्थान से देखा इस कारन इसको कहते है ‘चरण-पादुका’
भैरो है कितनी दूर ये अंदाज़ा लगाया फिर इसके बाद माँ ने कदम आगे बढ़ाया ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
है आदि-भवानी माँ शक्ति चमत्कारी जिसने ये चरण छू लिए तकदीर संवारी मस्तक झुकालो प्रेम से भक्तो चले आओ जो कुछ भी चाहते हो माँ के द्वार से पाओ
आएगा भवन जिसकी बड़ी शान है न्यारी इस स्थान को कहते है सभी ‘आधकुंवारी’ ‘गर्भजून’ जिसका नाम है वो गुफा यही है भवानी माँ इस गुफा में नौ माह रहीं है
जैसे ही भैरो नाथ गुफा द्वार पर आया तब सामने उसने लंगूर वीर को पाया ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
करने लगा लंगूर युद्ध भैरव नाथ से पर्वत भी जिसको देख लगे भय से कांपने लंगूर ने लाख रोका भैरव बाज़ न आया तब माँ ने तंग आके त्रिशूल चलाया
जाकर के शीश उसका गिरा दूर घाटी में और धढ़ उसका आन गिरा माँ के चरण में तब भैरो यह कहने लगा के “हे !महामाया हाथों से तेरे अंत हुआ चण्ड का माया”
“होते कपूत पूत पर न माता कुमाता करदे मुझे क्षमा हे! जगदीश्वरी माता” ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
तूने क्षमा किया न तो मैं पापी रहूंगा और आदिकाल सबकी ही निंदा सहूंगा उसके वचन से माता का दिल-ही पिघल गया करुणा वाली के मुख से वचन ये निकल गया
करती हूँ क्षमा आज तेरे पाप मैं भारी देती हूँ वचन तू बनगे मोक्ष अधिकारी आते समय जब लोग मेरी पूजा करेंगे मेरी पूजा के बाद तेरी पूजा करेंगे
तूने मुझे माता कहा है जग भी कहेगा बच्चो के जैसा सबसे मेरा नाता रहेगा दर्शन के मेरे बाद जो न तुझको पूजेगा उसको मेरे दर्शन का कभी फल ना मिलेगा
ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
पर्वत है एक और दूजी और है खाई चढ़ना ज़रा संभल हाथी मथे की चढ़ाई परेशान न होना तू देख पाँव के छाले कष्टों से ही खुलते है नसीबो के भी ताले
चढ़कर के जो हाथीमत्थे से जब पार आओगे तुम भक्तो खुद को सांझी-छत पे पाओगे भक्तो है शुरू होती उतराई यहाँ से जिव्हा करेगी माँ की जयकार यहाँ से
आता है इसके बाद वोह द्वार आनेका हमे मीलो चले आये है सब जिसकी चाह में ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
कुछ खालो-पीलो थोड़ा सुस्तालो कुछ घड़ी दर्शन की आने वाली है पवन वो शुभ घड़ी दर्शन से पहले करलो स्नान यहाँ पर रुक जाती जैसे सांस शीतल जल पड़े तन पर
स्नान जिनमे किया वे सब वस्त्र त्याग दे कोरे जो वस्त्र पास में है वोह तन पे धारले अबतक नहीं गए है वो ध्यान दे इस पर मिलता है यहाँ दर्शन का आपको नंबर
भक्तो के लिए कमरे बने यहाँ आरक्षित सामान जमा होता जहाँ सबका सुरक्षित ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
कुछ ऐसा नज़ारा है थकते नहीं नयन लगता है स्वर्ग जैसा अम्बे तेरा भवन मिलती है भवन पे सारी पूजा की सामग्री लहरा रही है हर तरफ लाल ही चुनरी
मैया की चुनरी है प्रेम से तुम सिर पे बाँध लो और नारियल बहार ही अपना जमा करो मंदिर के बाहर भक्तो की लगती लम्बी क़तार है बारी कब आएगी सबको ये इंतज़ार है
संकरा है भवन द्वार बढ़ो आधा लेटकर ये द्वार ही है भैरो का शीश कटा धढ़ ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
पिंडी दरश से पहले भी एक स्थान पर पंजे बने है शेर के एक शिला पर आता है अब वो दृश्य मैं कैसे करू वर्णन होता है पिंडी रूप में महामाई का दर्शन
आदर से माथा टेकना तुम माँ के चरण पर खुलने में नसीबा नहीं लगता है प भर पूजसामग्री लाये हो वो सारी चढ़ा दो जिस-जिस का चढ़ावा है उसे आदर से चढ़ा दो
बैठी है काली माता सरस्वती साथ में जलती है माँ की ज्योति बिना तेल बाती के माँ करती क्षमा छोटी-बड़ी सारी भूल भी इक और धरा देखोगे माँ का त्रिशूल भी
ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
अब माँ की आज्ञा को है हमने निभाना दर्शन के लिए भैरो के मंदिर भी है जाना मिलते है पुष्प मिलती धूपः बाती है यहाँ काला धागा भी मिलता है भैरो नाम का यहाँ
घाटी में दूर जाके बना भैरव का मंदिर मंदिर में पड़ा है भैरव का कटा हुआ सिर श्रद्धा दे धुप बाती भैरव पे चढ़ाना आदर से हाथ जोड़ के तुम सिर को झुकाना
माता के पुण्य धाम की यह यात्रा सारी पूरी करे भवानी मैया कामना तेरी। ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
Le Ambe Naam Chal Re Chal Vaishno Dham Chal Re Lyrics (Part 2)
पावन है सबसे ऊँचा है साँचा है ये दरबार कलयुग में भी होते है जहाँ रोज़ चमत्कार ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
अब बात सुनो त्रेता युग की एक पुरानी इतिहास है आंबे माँ की सच्ची कहानी माँ ने कहा है दानव जब सिर उठाएंगे तब-तब मेरे हाथो से वो मुँह की खाएंगे
ये उस समाये की बात है, जब रावण कुम्भकरण उपद्रव मचा रहे थे ताड़का और खरदूषण तब भगवती की शक्तियां एकत्र हो गयी फिर जिनके योग से इक शक्ति प्रकट हुई
माँ भगवती की शक्तियों से शक्ति जो आयी उसे देख के प्रसन्न हुई वैष्णो माई बोली वो शक्ति मात बता क्यों है बुलाया वो काज बता जिसके लिए मुझको जन्माया
ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
बोली ये भवानी अब अपना काज तुम सुनो तुम धर्म का प्रचार और रक्षा तुम्ही करो देवी ने विष्णु-अंश से तब जन्म ले लिया राजा सागर ने नाम उसका रखा ‘त्रिकुटा’
इस कन्या ने तब वैष्णव धर्म शुरू किया हर और जाके धर्म का प्रचार खुद किया थोड़े-ही समय बाद यह प्रसिद्ध हो गयी अपार सिद्धियों से वो सम्पन हो गयी
आते थे भक्त दूर से दर्शन के वास्ते संकट से बचने के ये बताती थी रास्ते ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
एक दिन वोह लेके आज्ञा अपने पिता से करने लगी तपस्या सागर के तट पे एक दिन उसे भवानी दर्शन दे बोली तू राम नाम रटले अब सुनले वैष्णवी
तब देवी तप करने लगी राम नाम का बस मुख में सुबह-शाम उसके राम नाम था सीता हरण के बाद संग वानर सेना के आये पड़ाव डालने राम सागर के तट पे
देवी ने कहा साधना जप-तप मेरा है राम करती हूँ प्रभु आपको मैं शत-शत प्रणाम ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
कहने लगी पति है मैंने आपको चुना इस कारण कर रही हूँ प्रभु मैं ये तपस्या बोले ये राम बात सुनो मेरी हे देवी इस जन्म में पहले ही है सीता मेरी पत्नी
किन्तु तुम्हारे तप का फल तुम को मिल सके आऊंगा बदल भेष मैं पास तुम्हारे देवी अगर जो तुम मुझे पहचान जाओगी इस जन्म में तुम मेरी पत्नी कहाओगी
तब राम चल पड़े देवी को बोलके ऐसा और राम-नाम जपने लगी देवी त्रिकुटा ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
लंका को जीत राम दिए एक उदाहरण लौटे तो रूप किये एक साधु का धारण सन्मुख गए त्रिकुटा देवी के वो घडी आयी पर देवी इस भेष में पहचान ना पायी
कहने लगी हे महात्मा! आप कैसे पधारे किस कारण आये है जोगन के द्वारे तब राम जी ने असली रूप अपना दिखाया सब भाग्य की करनी है इसे किसने मिटाया
कहने लगे तब राम सुनो देवी! वैष्णवी कलयुग में बनोगी तुम्ही पत्नी हमारी यह कथा हमे देती इस बात की शिक्षा लेता है समय आके ऐसी सबकी परीक्षा
ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
आऊँगा कल्कि रूप में पृथ्वी पे दूबारा तब नाम जुड़ेगा मेरे ही साथ तुम्हारा हर और डंका बजता तेरे नाम का होगा कलयुग में तेरा नाम माता वैष्णो होगा
तब से ही देवी माता यहाँ तप में लीन है सारा ही ब्राह्मण जो उनके अधीन है करती है अपनी लीला अक्सर वो निराली गौरी, कभी दुर्गा, कभी मनसा, कभी काली
नैना है, चिंतपूर्णी, बृजेश्वरी माता ज्वाला है, चामुंडा है, शाखाम्भारी माता ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
दुर्गा के जाप में जो कोई ध्यान लगा ले माँ खोल देती उसके मुकदर के ही ताले अब तुमको सुनते है कथा मात ज्वाला की मंदिर का जिसके दृश्य है सबसे निराला जी
जलती है नौ रूपों में मेरी मैया की ज्योति लौ ज्योति की मगर कभी भी काम नहीं होती ये बात पुरानी है यहाँ एक था राजा रहती थी जिसके राज में सुखी सभी प्रजा
एक रोज़ इक ग्वाले ने आके उसको बताया पर्वत पे ज्योति जलती है फिर उसको सुनाया ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
तब रात को देवी ने चमत्कार दिखाया सोया जब राजा उसके स्वप्न में आया कहने लगी हे राजन यहाँ मेरी जिव्हा गिरी इस कारण जलती है यहाँ दिव्या ज्योति
स्थान यही है मेरा तू मुझको जगा दे मंदिर तू मेरे नाम का छोटा-सा बना दे तब राजा ने ज्वाला का मंदिर था बनाया की पूजा-अर्चना छत्र माँ पे चढ़ाया
वनवास में अपने पांडव यहाँ पे आये पूजा उन्होंने माँ को, अर्जुन चवर डुलाये ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
मशहूर हो गया तभी से ज्वालाजी का नाम भक्तो के आप बनने लगे सारे बिगड़े काम ध्यानु ने ज्वाला माँ पे अपना शीश चढ़ाया माता ने प्रकट होके तुरंत उसको जिलाया
बोली ये अम्बे माता कोई वर तू मांग ले बोले ये ध्यानु कर गया तू हे मेरी माते हर आदमी का मोह जीवन से हट नहीं सकता हर कोई तुझे शीश भेंट कर नहीं सकता
जो नारियल चढ़ाये माँ उसकी भी प्रार्थना मैं विनती ये करता हूँ मैंया प्यार से सुनना बोली ये देवी जो मुझे नारियल चढ़ाएगा वो भक्त अपनी पूजा का फल पायेगा
ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
मंदिर की पहली ज्योत जो है, महाबली है ये भक्तो को अपने कष्टों से मुक्ति दिलती ये दूजी जो ज्योत है वो माता महामाया विख्यात इसका नाम है वो अन्नपूर्णा
तीजी जो ज्योत माँ की है वो चंडी है माता सब शत्रुओं का नाश इसके नाम से होता चौथी जो ज्योत है वो हिंगलाज भवानी हर बाधा टाल देती है माँ भाग्य की रानी
पांचवी जो ज्योत है वो विंध्यवासिनी माँ है पापो से मुक्त करती मुक्तदायिनी माँ है ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
छठी जो ज्योत है वो महालक्ष्मी की है यह मैया धन-धान्य सुख वैभव देती है सातवीं जो ज्योत है वो विद्यादायिनी सरस्वती ये मूढ़ को भी पल में विद्वान् है करती
यह झूठ नहीं सच है विश्वास तुम करो ना मानते तो कालिदास याद तुम करो पत्नी से निंदा पाके की शारदा पूजा था मूढ़मति लेकिन विद्वान् वो हुआ
आठवीं जो ज्योत है वो माता अम्बिका की है अंतिम जो ज्योत है वो माता अंजनी की है ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
जहाँ सती के अंग गिरे शिव भी वहाँ है शिव भी वही रहते उसकी शक्ति जहाँ है जिस रूप में भी शिव ने अवतार लिया है इतिहास साक्षी है माँ ने साथ दिया है
महाकाल अवतार में महाकाली माँ बनी तारकेश्वर अवतार में वो तारा माँ बनी भुवनेश्वर अवतार में भुवनेश्वरी बनी षोडश बने जो शिव माता षोडशी बनी
भैरव बने जो शिव माता बनी भैरवी छिन्मस्तिक अवतार में छिन्मस्तिका बनी ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
इस युग में भवानी के नौ मुख्य है दरबार जाते है भक्त जिनमे हर दिन ही बार-बार नैना देवी ,चिंतपूर्णी है, ज्वालामुखी है बृजेश्वरी, वैष्णो मैया, चामुंडा देवी है
मनसा देवी, शाकम्बरी और कलिका देवी भक्तो की अपने कामना को पूर्ण कर देती नवरात्रों में लगता है यहाँ भक्तो का मेला जय रोहिणी, जय सुभद्रा, तेरी जय हो माँ कैला
तू शक्ति का अवतार है महिमा तेरी न्यारी मशहूर है जग में तेरी शेरो की सवारी जो पूजा तेरी करके कंजको को बिठाता वो भक्त जीवन सागर से है पार हो जाता
ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
सती के शव के टुकड़े विष्णु ने थे जब किये जिन स्थानों पे वो शक्ति पीठ बन गए कलकत्ते तेरे केश गिरे कलिका बनी आसाम गिरा मुख तेरा कुमख्या बनी
जहाँ शीश गिरा तेरा शाखाम्बरी बनी जिस पर्वत तेरे नयन गिरे नैना माँ बनी जहाँ चरण गिरे तेरे चिंतपूर्णी बनी ज्वाला जी जिव्हा गिरी ज्वाला माँ बनी
त्रिकूट पे तेरे बाजू गिरे वैष्णो माँ बनी जहाँ हाथ गिरे तेरे हिंगलाज तू बनी ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
अकबर ने सोने का तुझे था छत्र चढ़ाया तूने माँ अहंकार का अहंकार मिटाया करती है अपने भक्तों के माँ पुरे तू सपने समझे किसी को गैर नहीं सब तेरे अपने
तू अपने भक्तो की सदा ही लाज बचती धन्ना का पत्थर तू पानी में तिराती करते रहे सदा हम माँ वंदन तेरा सताक्षी रूप से होता माँ पूजन तेरा
जिसने जो माँ से माँगा मेरी माँ ने है दिया भक्तो को माँ के दर से सदा प्यार है मिला ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
बंधनो से मुक्त करती भवमोचिनी माता भव्या है तू ,अनंता है, कात्यायिनी माता है अष्टभुजी माता मेरी रूप निराला केशो में अँधेरा माँ की पलकों उजाला
धरती पे अन्याय ने जब उठके पुकरा मैया ने रक्तबीज से दानव को है मारा महिषासुर, शुम्भ-निशुम्भ ने ज़ुल्म जो ढाया माँ आगे बढ़ी पल में इन्हे मार गिराया
मेरी लाटावाली, ज्योता वाली, शेरा वाली माँ मेरी करुणा वाली, मेहराँ वाली, मंदिरावाली माँ ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
जिस घर में माँ की ज्योत जली है संवर गया उपवास व्रत जो माँ का करे समझो तर गया हर लेती सबके मन की हर-इक पीड़ा भवानी करती है भिखारी को राजा क्षण में कल्याणी
आये है पहली बार मैया तेरे द्वार पे बलिहारी है भवानी माँ हम तेरे प्यार पे नैनो में बस गयी है तेरी प्यारी सी सूरत और दिल में रम गयी है तेरी मोहिनी मूरत
धन-धान्य से यह तेरा घरभार भरेगी पैसो की माँ धन-लक्ष्मी बौछार करेंगी मैया तेरे दरबार में मन सबका खो गया आया जो वैष्णो धाम भवानी का हो गया
ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
हो माता अम्बे आपका आवाहन न जाने पूजा विधि हम आपकी नादान न जाने पापी है पाप करते है करते नहीं है जाप हमने सुना है पाप की हर्ता है मैया आप
इक आप हो भलाई में जीवन लगा दिया इक हम है बस बुराई में सब कुछ गवा दिया पूजा हमारी जैसी है स्वीकार कीजिए सब दूर बुरे यह मन के ये विचार कीजिये
भूले हमारी भूल जाना जग की पालनहार आये शरण तिहारी मैया अब लगा दो पार ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
(संगीत)
जिसने हमे भवानी माँ का मार्ग दिखाया आभारी है जिसने भी कथा सार सुनाया उन वेदो-पुराणों को करते है हम नमन जिनसे मिली है हमको वैष्णो यात्रा की उमंग
कोशिश हमारी यह है भरे आप में लगन नौ देवियों का दर्शन करे आप भी श्रीमन पूजा-विधि की रस्मो से हम अनजान है अज्ञानी है हम आप सब तो बुद्धिमान है
करते है यही विनती सबसे हाथ जोड़कर कुछ छूट गया हो तो देना माफ़ हमे कर ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे ले अम्बे नाम चल रे, चल वैष्णो धाम चल रे
Le Ambe Naam Chal Re FAQ
Who has Sung the Le Ambe Naam Chal Re?
The Song is Sung By Kumar Vishu
Who has written the Le Ambe Naam Chal Re Lyrics?
The Song written by Traditional
Who is the music label for the Le Ambe Naam Chal Re?
Laagi Lagan Shankara 2 Lyrics in Hindi – ‘Laagi Lagan Shankara 2’ is a new devotional song sung by Hansraj Raghuvanshi. The lyrics have been written by Devendar Chauhan. The music is given by DJ Strings and the label is Hansraj Raghuwanshi.
Laagi Lagan Shankara 2 Song Details
Song Title
Laagi Lagan Shankara 2
Singer
Hansraj Raghuwanshi
Lyrics
Devendar Chauhan
Music
DJ Strings
Music Label
Hansraj Raghuwanshi
Laagi Lagan Shankara 2 Lyrics in Hindi
जय हो, जय हो, जय हो तेरी शंकरा जय हो, जय हो, जय हो तेरी शंकरा जय हो, जय हो, जय हो तेरी शंकरा जय हो, जय हो, जय हो तेरी शंकरा
लागी तुझसे लगन शंकरा लागी तुझसे लगन शंकरा मन तुझमे मगन शंकरा मन तुझमे मगन शंकरा
कोई कहे तुझे शिव वैरागी लगन मेरी तुझसे लागी कोई कहे तुझे शिव वैरागी लगन मेरी तुझसे लागी
कोई कहे तुझे आदिनाथ कोई कहे तुझे आदिनाथ मुझको है बस तेरा साथ शंकरा
लागी तुझसे लगन शंकरा लागी तुझसे लगन शंकरा मन तुझमे मगन शंकरा मन तुझमे मगन शंकरा
(संगीत)
डम डम डम डमरू तेरा बाजे सर पे चँदा मामा साजे हाथ में तेरे त्रिसूल भोले जटा में तेरे गंगा माँ विराजे
गले में तेरे सर्प माला गले में तेरे सर्प माला आसन तेरा मृग की छाला शंकरा
लागी तुझसे लगन शंकरा लागी तुझसे लगन शंकरा मन तुझमे मगन शंकरा मन तुझमे मगन शंकरा
(संगीत)
देव महादेव हरी तुम हो महेश संग गौरा मैया संग कार्तिक गणेश तू ही कीर्तिवास है भोले लगन मेरी तुझसे लागी मिट गए कलेश
कोई कहे तुझे जटाधारी तू ही है भोला भंडारी चरण में झुके दुनिया सारी शंकरा
लागी तुझसे लगन शंकरा लागी तुझसे लगन शंकरा मन तुझमे मगन शंकरा मन तुझमे मगन शंकरा
महिमा देव तेरी जाता जाऊं जहाँ भी जाऊं भोले तुझको पाऊं रघुवंशी गाये तेरी महिमा महिमा गाके सबको मैं सुनाऊँ
देवो में तुम देव दयाला पीवे भोला विष का प्याला तू ही महादेव प्यारा शंकरा
लागी तुझसे लगन शंकरा लागी तुझसे लगन शंकरा मन तुझमे मगन शंकरा मन तुझमे मगन शंकरा
(संगीत)
सुनो भोले गोरा बोली खेलेंगे भोले संग तेरे होली रूप देखा बैरागी तेरा भोले जी मैं तो तेरी हो ली
होली खेले अम्बीरा से खोये ना रंग भोले को भावे धतूरा विष और भंग नामो में नाम तेरा भोले जी है मस्त मलंग रहना है भोले मुझको होके आज तुझमे मगन होके आज तुझमे मगन होके आज तुझमे मगन
Laagi Lagan Shankara 2 Lyrics in English
Jai Ho, Jai Ho, Jai Ho Teri Shankara Jai Ho, Jai Ho, Jai Ho Teri Shankara
Jai Ho, Jai Ho, Jai Ho Teri Shankara Jai Ho, Jai Ho, Jai Ho Teri Shankara
Laagi Tujhse Lagan Shankara Laagi Tujhse Lagan Shankara Maan Tujhme Magan Shankara Maan Tujhme Magan Shankara
Koi Kahe Tujhe Shiv Bairagi Lagan Meri Tujhse Laagi Koi Kahe Tujhe Shiv Bairagi Lagan Meri Tujhse Laagi
Koi Kahe Tujhe Aadinath Koi Kahe Tujhe Aadinath Mujhko Hai Bas Tera Saath, Shankara
Laagi Tujhse Lagan Shankara Laagi Tujhse Lagan Shankara Maan Tujhme Magan Shankara Maan Tujhme Magan Shankara
Dum Dum Dam Damroo Tera Baaje Sar Pe Chanda Mama Saaje Haath Mein Tere Trishul Bhole Jata Mein Tere Ganga Maa Bhi Viraaje
Gale Mein Tere Sarp Mala Gale Mein Tere Sarp Mala Aasan Tera Mikki Chhala, Shankara
Laagi Tujhse Lagan Shankara Laagi Tujhse Lagan Shankara Maan Tujhme Magan Shankara Maan Tujhme Magan Shankara
Dev Mahadev Hari Tum Ho Mahesh Sang Gaura Maiya Sang Kartik Ganesh Tu Hi Kirtivas Hai Bhole Lagan Teri Tujhse Laagi Mit Gaye Kalesh
Koi Kahe Tujhe Jatadhari Tu Hi Hai Bhola Bhandari Sharn Mein Jhuke Duniya Saari, Shankara
Laagi Tujhse Lagan Shankara Laagi Tujhse Lagan Shankara Maan Tujhme Magan Shankara Maan Tujhme Magan Shankara
Mahima Deva Teri Gaata Jaaun Jahan Bhi Jaaun Bhole Tujhko Paaun Raghuwanshi Gaaye Teri Mahima Mahima Gaa Ke Sab Ko Maine Sunaun
Devo Mein Tum Degyala Peeve Bhole Vish Ka Pyala Tu Hi Mahadev Pyara, Shankara
Laagi Tujhse Lagan Shankara Laagi Tujhse Lagan Shankara Maan Tujhme Magan Shankara Maan Tujhme Magan Shankara
Suno Bhole Gaura Boli Khelenge Bhola Sang Tere Holi Roop Dekha Bairagi Tera Bholegi Main To Teri Hi Ho Li
Holi Khele Ambeera Se Koi Rang Bole Ko Bhave Dhatura, Vich Aur Bhang Naamon Mein Naam Tera Bhole Ji Hai Mast Magan
Le To Aaye Ho Hame Lyrics in Hindi, sung by Hemlata from the movie Dulhan Wahi Jo Piya Man Bhaaye (1977). This song is written and music composed by Ravindra Jain. Starring Prem Kishen, Rameshwari, and Shyamali in leads.
Le to aaye ho hame sapnon ki gaav me Le to aaye ho hame sapnon ki gaav me Pyaar ki chhav mein bithaaye rakhnaa
Sajnaa o sajnaa Sajnaa o sajnaa
Tumne chhuaa to taar baj uthe man ke Tum jaisaa chaaho rahe vaise hi ban ke Tum se shuru, tumhin pe kahaani khatm kare Tum se shuru, tumhin pe kahaani khatm kare
Dujaa na aaye koi naino ke gaav mein Le to aaye ho hame sapnon ki gaav me Le to aaye ho hame sapnon ki gaav me Pyaar ki chhav mein bithaaye rakhnaa
Sajnaa o sajnaa Sajnaa o sajnaa
Chhotaa saa ghar ho apnaa Pyaaraa saa jag ho Koi kisi se pal bhar na alag ho Iske sivaa ab duji koi chaah nahin Iske sivaa ab duji koi chaah nahin
Haste rahe hum dono phulon ke gaav mein Le to aaye ho hame sapnon ki gaav mein Pyaar ki chhav mein bithaaye rakhnaa